पृथ्वी के सृजन की रक्षा करते हुए हम आत्मा की उन्नति का पोषण करते हैं – ‘दाजी’ कमलेश पटेल

प्रकृति संरक्षण दिवस प्रकृति के सौन्दर्य और उसके महत्व का उत्सव मनाने का दिन है। यह हमारे प्राकृतिक संसार के सामने खड़ी चुनौतियों के प्रति जागरुकता बढ़ाने का भी दिन है। दूसरा महत्वपूर्ण पक्ष जिसका हमारे पूर्वज बहुत सम्मान करते थे वह है हमारे बाहरी पर्यावरण और हमारे आंतरिक स्व के बीच परस्पर जुड़ाव। जिस प्रकार हम अपने आस-पास फैली प्राकृतिक दुनिया की रक्षा और संरक्षण के लिए प्रयास करते हैं, उसी प्रकार हमारे आंतरिक पर्यावरण के महत्व को पहचाना भी उतना ही आवश्यक है, जो अकेले ही बाहरी पर्यावरण…

देश के ग्रामीण क्षेत्र की उन्नति का अग्रदूि नाबार्ड

आयोजना प्रक्रिया के आरंभ से ही भारत सरकार के सामने यह बात स्पष्ट थी क्रक ग्रामीण अथथव्यवस्था को गक्रत देने में संस्थागत ऋण अत्यंत महत्वपूणथ है। अत: भारत सरकार और भारतीय ररज़वथ बैंक ने इस महत्वपूणथ पहलू की गहन पड़ताल के क्रलए कृ क्रि और ग्रामीण क्रवकास के क्रलए संस्थागत ऋण की व्यवस्थाओं की समीक्षा हेतु योजना आयोग के पूवथ सदस्य श्री बी क्रिवरामन की अध्यक्षता में 30 मार्थ 1979 को एक सक्रमक्रत (CRAFICARD) का गठन क्रकया। सक्रमक्रत ने28 नवंबर 1979 को प्रस्तुत अन्तररम ररपोर्थ में रेखांक्रकत क्रकया क्रक ग्रामीण…

गोल्ड लोन की ईएमआई के भुगतान में चूक होने के गंभीर नतीजे और इससे बचने के तरीकों के बारे में जानिए – श्री रवीश गुप्ता

गोल्ड लोन भारत में कर्ज की जरूरत वाले लोगों के बीच पैसे उधार लेने के सबसे लोकप्रिय तरीकों में से एक है और यह सदियों से हमारे समाज का हिस्सा रहा है। पैसों की जरूरत पड़ने पर, लोग इसकी मदद से किसी तरह की परेशानी के बिना सामने आने वाले खर्चों को पूरा कर सकते हैं। औपचारिक वित्तीय संस्थानों की ओर से कम ब्याज दरों, आसान प्रक्रिया, कम दस्तावेजों की जरूरत, लोन की रकम की तुरंत उपलब्धता के साथ-साथ लोन चुकाने के लिए कई तरह के विकल्पों की पेशकश की…

May is Mental Health Awareness Month, an important time to talkabout psychological and emotional wellbeing says Ms. Josphin

Singh, Vice- Chairperson, PRAGATI. Mental Health Awareness Month encourages wellness and the importance of managing mental health. The goal is to raise awareness about mental illness and to reduce the stigma that surrounds it. Mental health is an essential part of our overall well-being and has a significant impact on our relationships, productivity, and ability to adapt to change and cope with adversity.  Changes in mental health and signs of distress in young people can show up in many ways. Some examples of mood changes are irritability, anger and withdrawal.…

पाचन में सहायता करता है मिलेट्स: विकास कुमार

प्राचीन काल में हमारा पुराना खान-पान चिकित्सकीय गुणों से युक्त था लेकिन लाइफस्टाइल बदलने से हमारा खान-पान भी बदल गया। हमारी नई समाजिक संस्कृति ने बदलते परिवेश में अपने आहार को पूर्ण रूप से बदल लिया है। रेडी टू ईट खाना, डिब्बा बंद प्रिजर्वेटिव आहार, विभिन्न प्रकार के रसायनों से भरपूर रंग-बिरंगे आधुनिक वसा युक्त भोजन एवं मिलावटी खाना आज हमारे घर में अपना पैठ बना चुका है एवं हम इन सभी नुकसान देने वाले भोजन को दिन-रात खाते रहते हैं जिसके कारण अनंत बीमारियां अब हमें जकड़ लिया है।…

वृद्ध व्यक्ति की रक्षा करना सरकार का धर्म: प्रमोद वात्सल्य

हर परिवार की सुख और शांति तभी संभव है जब उस परिवार के हर सदस्य को  मान, सम्मान एवं स्वाभिमान की रक्षा हो सके। आज के इस आधुनिक युग में एकल परिवार का प्रचलन  बहुत तेजी से बढ़ रहा है  एवं संयुक्त परिवार एक इतिहास बनता जा रहा है भारतीय समाज में।  हमारे समाज के बहुत सारी ऐसी व्यवस्थाएं हैं जिसको आज लोग पसंद नहीं कर रहे हैं एवं इस स्वतंत्र भारत में  आधुनिकीकरण होने की वजह से सारी संस्कृति एवं धरोहर वाली जो सभ्यता एवं परंपरागत सिस्टम था वह…

कृषि नवीनीकरण के लिए ऋण आवश्यक: प्रभात चतुर्वेदी

भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि (खेतीबाड़ी) एक प्रमुख क्षेत्र है, जिसमें लगभग 85 प्रतिशत के कृषि जोत का क्षेत्र 2 हेक्टर से कम है, फिर भी हमारी 140 करोड की बड़ी आबादी के लिए पर्याप्त भोजन और फाइबर का उत्पादन कर रहा है। इसके साथ ही, यह निर्यात करके कुछ नेट एक्सपोर्ट मुनाफ़ा भी उत्पन्न करता है।विशेष रूप से संस्थाओं द्वारा छोटे और सीमांत किसानों` को पर्याप्त एवं समय पर बड़े पैमाने पर कम लागत वाले ऋण की पुष्टी के कारण वर्तमान में यह विकास संभव हो पाया है| भारतीय पॉलिसी मेकर्स के निरंतर प्रयास द्वारा किसानों को इंस्टीटूशनल स्रोतों से ऋृण प्राप्त करने में काफ़ी हद तक मदद मिली है | इन प्रयासों ने सभी किसानों को समय पर और पर्याप्त ऋण सहायता प्रदान करने के लिए प्रगतिशील संस्थागतकरण पर जोर दिया है, ताकि, छोटे और सीमांत किसान कृषि पद्धतियों में सुधार के लिए सक्षम बनने पर ध्यान केंद्रित कर सके। भले ही कृषिऋण (क्रेडिट) व्यवस्थाओं में सुधार करने तथा किसान समुदाय को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए सरकार ने कुछ सक्रिय कदम उठाए हैं, कुछ पड़ोसी देशों की तुलना में अभी भी काफी सक्रीय नीतियों के समावेश की आवश्यक्ता हैजहां पिछले दशकों में ऋण की मात्रा में सुधार हुआ है, वहीं इसकी गुणवत्ता और कृषि पर इसका प्रभाव सिर्फ कमजोर ही हुआ है। कृषि के लिए संतोषजनक पूंजी प्रतिबद्धता की आवश्यकता होती है। चूंकि अधिकांश किसानों के लिए उपकरणों की खरीदी में ही अधिकांश धन की जरुरत पढ़ती है, आज भी अधिकांश कृषि ऋण (क्रेडिट) एक कार्यशील पूंजी के रूप में होता है। परिणामस्वरूप किसानों की आय का 80 प्रतिशत से अधिक हिस्सा बाधित होता है। भारतीय ऋण (क्रेडिट) मांग के विश्लेषण से पता चलता है कि, भले ही बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान प्रायरिटी सेक्टर लैंडिंग ऋण के तहत किसान समुदाय तक अपनी पहुंच को गतिवृद्ध रूप से बढ़ा रहे हैं, लेकिन किसानों के लोन की जरूरतों को पूरा करने में अभी भी सक्षम नहीं है। इन परिस्तिथियों के चलते, एनबीएफसी (NBFC) और फिनटेक (Fintech) संस्थानों ने कृषि यंत्रीकरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए किसानों की ऋृण आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु सरहानीय कार्य कर रहे है। यह वास्तव में भारत की विविध और उद्यमशीलता की भावना का प्रमाण है। बड़े कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर के वित्तपोषण से लेकर छोटे किसानों के माइक्रोफाइनेंस तक, इन एनबीएफसी एनबीएफसी (NBFC) और फिनटेक (Fintech) संस्थानों ने समय की जरूरत को ध्यान में रखकर और समग्र रूप से किसान समुदाय की ऋण आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु विभिन्न सेवाएं उलपब्ध कराने के लिये अग्रसर है। समय के साथ ये संस्थांयें सुनियंत्रित होते हुए, कई उदाहरणों में प्रौद्योगिकी, नवीनीकरण, जोखिम प्रबंधन और अभिशासन में सर्वोत्तम रणनीतिओं को अपना रहे है एवं वित्तीय समावेशन पर सरकार के एजेंडे को आगे बढ़ा रहे है। कृषिकेंद्रित एनबीएफसी / फिनटेक किसानों की दीर्घकालिक ऋण आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं क्योंकि उनमें से अधिकांश की ग्रामीण भारत में उच्च पैठ है, और उनके ऋण वितरण का बड़ा हिस्सा केवल छोटे और सीमांत किसानों पर केंद्रित है। सार्वजनिक डोमेन डेटा बताता है कि कुल छोटे और सीमांत किसानों में से केवल 30 प्रतिशत किसान बैंकों और अन्य औपचारिक क्रेडिट चैनलों तक ऋण हेतु पहुंच पाते है। किसानों को ऋण प्रदान करने के लिए दूरदराज के क्षेत्रों तक पहुंचने तथा सिमित टेक्नोलॉजी कुछ मुख्य कारण है जिनके चलते बैंको को इन किसानों तक पहुंचना संभव नहींहै।

वित्तीय मामलों में नए हैं ? पेश है आपके वित्तीय प्रबंधन के लिए उद्देश्यपूर्ण गाइड- आफरीन अली

भारत, सबसे बड़ी युवा एवं उभरती हुयी अर्थव्यवस्था, होने का दावा करती है और प्रमुख रुप से जेन-Z व साथ ही साथ मिलिनियल आबादी के होने का और इस पूरी आबादी का ज्यादा जोर आज के समय में खर्च पर है न कि बचत पर (भारतीयों के आम व्यवहार के विपरीत), इच्छित खरीद व विभिन्न आनलाइन शॉपिंग विकल्पों के लिए उनकी आसान पहुंच है अफोर्डबुल रिटेल क्रेडिट पर। हालांकि जब यह एक पैटर्न बन जाए तो मिलिनियल को भरोसेमंद वित्तीय प्रबंधन को एक टूल की तरह तलाशना चाहिए। युवाओं के…

स्वावलम्बी भारत अभियान खोलेगा उत्तराखंड के हर जिले में जिला रोजगार सृजन केंद्र- डॉ दिव्या नेगी

 बेरोजगारी किसी भी विकासशील देश की बहुत बड़ी समस्या होती है हम भी रोज इस परेशानी के बारे में खबरों में पढ़ते है और सुनते हैं, हम सभी जानते हैं इस समस्या के बारे में केवल बात करने से इसका हल नहीं निकलने वाला, यदि हम सच में इसका हल निकालना चाहते हैं तो इसके लिए हमें अपने देश  में एक अभियान चलाना होगा जब यह अभियान जन जन तक पहुंचेगा और सभी लोगों की इस में भागीदारी होगी तभी हम मिलजुल कर अपने युवाओं के लिए इस समस्या का…

अन्य राज्यों में रह रहे उत्तराखंड के महिलाओं को सुरक्षित रखने के लिए राष्ट्रीय स्तर की एक सस्ंथा का गठन हो

उत्तराखंड के लोगों के लिए है यह सौभाग्य की बात है कि हम इस साल अपने राज्य के 22वां स्थापना दिवस मना रहे हैं। इन 22 सालों में उत्तराखंड ने बहुत परिवर्तन देखा है। सामाजिक, आर्थिक  एवं राजनैतिक परिवर्तन  से ही सिर्फ उत्तराखंड का सामना नहीं हुआ है। हमारे इस राज्य में जो मूल रूप से परिवर्तन हुआ है और वह दिख रहा है उसमें असुरक्षित महिला, बेरोजगार युवक,  पहाड़ों से पलायन होते लोग, उत्तराखंड के विकास के नाम पर दोहन होते हुए हमारे जलसंपदा, वनसंपदा एवं भू-संपदा इन सभी…